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२२-जून-२०१७ की रात कश्मीर के प्रसिद्ध मस्जिद जामिया मस्जिद के बाहर कश्मीर पुलिस के एक होनहार डीएसपीअयूब पंडित की एक उन्मादी भीड़ द्वारा पीट-पीट कर, कर दी गयी. भीड़ को शक था की ये मस्जिद में आये संदिग्ध लोगो की वीडियो बना के साथ उनकी तस्वीर ले रहे थे.ठीक उसी समय कश्मीरी अलगाववादी नेता मौलवी मीरवाईज उमर फारूख अपनी तक़रीर कर रहे थे.यह वही मौलाना है जिन्होंने चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत पर ट्वीट कर पाकिस्तानी टीम को बधाई दी थी और पूरे कश्मीर में पटाखे फोड़े गए थे.पिछले कुछ समय से पुलिस वालो पर हमले बढ़ गए है.पहले एक बैंक लूट के समय ४ कश्मीरी जवानो की हत्या आतंकवादियों ने कर दी थी उसके बाद २ पुलिस वालो को भी सरे बाजार गोली मार दी गयी थी. और इसी महीने ६ पुलिस वालो की हत्या कर गोलिये से उनके चेहरे को विकृत कर दिया गया था.
इन घटनाओ में तेजी तब हुई जब सरकार की तरफ से भारतीय सेना को अलगाववादियों और आतंकवादियों से निपटने के लिए पूर्ण छूट दे दी गयी और सेना ने पिछले २ महीने ६० से ऊपर आतंकवादियों को ठिकाने लगा दिया जिसमे आतंकी संघटनो के टॉप कमांडर जुनैद मट्टू, सबजार भट्ट और बुरहान वानी भी शामिल है. इसके प्रतियुत्तर में आतंकियों ने भी हमले किये और कश्मीर पुलिस के जवान इनके आसान निशाने साबित हुवे है.कश्मीर के रहने वाके एक सेना अधिकारी लेफ्टिनेंट उमर फ़ैयाज़ की हत्या भी आतंकियों ने एक शादी समारोह से अपहरण करके कर दी थी.
अपने एक डीएसपी की बर्बर हत्या के कश्मीर पुलिस के मुखिया डीजीपी एसपी वैद ने अलगाववादियों की सुरक्षा हटाने की मांग की है.राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ़्ती ने भी अलगाववादियों और पत्थरबाजो को चेताया है की कश्मीर फिर से एक बार ९० के दशक में पहुंच सकता है जब लोग पुलिस वैन देख कर ही दूर से भागने लगते थे.
डीजीपी एसपी वैद ने बिलकुल सही मांग की है.कुछ दिनों पहले NIA पाकिस्तान से फंडिंग के शक में इन अलगाववादियों के विभिन्न ठिकानों पर छापे के बाद इसके पुख्ता सबूत मिले है.पाकिस्तान इनकी सहायता से ही कश्मीर में अराजकता फैला रहा है.इनको हवाला से हज़ारो करोड़ की रकम पाकिस्तान से मिलती है जिससे ये कश्मीर में पत्थरबाजो और आतंकवादियों को पैसा मुहैया कराते है.
ये कश्मीर में हर तरह की राष्ट्रविरोधी गतिविधयों में शामिल है बदले में भारत सरकारकी तरफ से इनको सभी तरह की सुरक्षा और सुविधाएं मुहैया कराई जाती है.और इनके बच्चो और रिश्तेदारों की भी हर तरह से सहायता की जाती रही है.हिज्बुल के मुखिया सैयद सलाउद्दीन के बेटे के मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के लिए भी कांग्रेस के राज में भारत सरकार की तरफ से पूर्ण सहायता दी गयी थी.
पंजाब में भी आतंकवाद के चरम पर पंजाब पुलिस के डीआईजी अवतार सिंह अटवाल की हत्या स्वर्ण मंदिर के सीढ़ियों पर कर दी गयी थी उसके बाद पंजाब पुलिस ने चुन चुन कर आतंकवादियों को ठिकाने लगाया था और बाद में पंजाब में आतंकवाद का खात्मा हुवा..ठीक इसी तरह से कश्मीर में पुलिस पर होने वाले हमले ये दर्शाते है की अब आतंकियों का जनसमर्थन कम हो रहा है और ये इस तरह का बर्बर हरकते कर रहे है जिससे स्थानीय निवासी डर कर इनका समर्थन करते रहे.
एक बार स्थानीय समर्थन ख़त्म होने पर आतंकवाद ज्यादा दिनों तक कश्मीर में टिक नहीं पायेगा. क्योकि आतंकियों को रहने,खाने और जरुरी सूचनाएं स्थानीय निवासियों से ही मिलती है.और ये समर्थन एक बार ख़त्म हुवा तो कश्मीर से आतंकवाद ख़त्म.लेकिन अलगाव वादियों और कश्मीरी आतंकी कमांडर भी इस बात को जानते है इसलिए अब इन्होने कश्मीरी आतंकवाद को धर्म से जोड़ना शुरू कर दिया है.पिछले दिनों एक आतंकी संघठन के प्रमुख कश्मीरी कमांडर ने इसे इस्लाम से जोड़ दिया और इसका विरोध करने वालो की हत्या करने की धमकी दी.ये बात और भी पुष्ट हो जाती है जब म्यांमार के रोहिंग्या मुसलमानो को बिना किसी विरोध के कश्मीर में बसने की इजाजत मिल गयी और पिछले २५ सालो से विस्थापित कश्मीरी पंडितो का अब तक कश्मीर में रहना सुरक्षित नहीं हो सका है. सरकार की तरफ से कश्मीरी पंडितो को बसाने की किसी भी योजना ये अलगाववादी कडा विरोध करते है लेकिन रोहिंग्या मुसलमानो के बारे में ये कुछ नहीं बोलते है.
कश्मीर में तेज होती हिंसा इस बात की तरफ इशारा करती है है की अब ये लड़ाई अपने अंतिम गंतव्य की तरफ बढ़ रही है जिसमे दोनों पक्षों को जनहानि उठानी पड़ेगी.एक बार अगर भारतीय सेना का समर्थन स्थानीय कश्मीरियों में बढ़ जाता है तो सेना बड़ी आसानी से कश्मीर घाटी को आतंकियों से मुक्त करा सकती है.सेना अपने लक्ष्य की तरफ तेजी से बढ़ रही है.इसी हफ्ते सेना ने उत्तरी कश्मीर को आतंकियों से मुक्त घोषित किया है और अब मुश्किल से २५० से ३०० स्थानीय आतंकी ही कश्मीर में बचे है.सेना ने सीमा पार से होने वाली घुसपैठ भी ९०% तक रोक दी है और आतंकियों को सीमा पर ही मार गिरा रही है. भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक ने भी सीमा पार आतंकवादियों की कमर तोड़ दी है.उम्मीद है इस सरकार के कार्यकाल पूरा होने तक कश्मीर की आग बुझ जायेगी और कश्मीर फिर धरती का स्वर्ग कहलायेगा.
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