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दिल्ली का माफिया “अरविन्द केजरीवाल”

ragehulk
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पिछले हफ्ते आम आदमी पार्टी के पूर्व मंत्री और निलंबित विधायक कपिल मिश्रा पर दिल्ली विधानसभा के अंदर उन्ही के पार्टी के कुछ विधायकों ने मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के सामने ही इनके संरक्षण में हमला किया.कपिल मिश्रा की लातो,थप्पड़ो और घूसों से पिटाई की गयी.किसी भी लोकतान्त्रिक देश में किसी प्रदेश की विधानसभा के अंदर ऐसा कृत्य निश्चित रूप से अतिनिन्दनीय है और उस सरकार के ऊपर काला धब्बा है.कपिल मिश्रा पर हमले के दिन ही नोएडा में अरविन्द केजरीवाल और इसके साले के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत करने वाले राहुल शर्मा पर जानलेवा हमले की कोशिश की गयी.अंतिम समय पर शूटरों के असलहे से गोली न चलने के कारण राहुल शर्मा को कोई छति नहीं पहुंची.कुछ दिनों पहले केजरीवाल के साले (जिस पर कई भ्रष्टाचार के आरोप थे) की संदेहास्पद परिस्थितियों में मौत हो गयी.ये मौत जांच एजेंसीज के उस पर शिकंजा कसने और केजरीवाल तक जाँच एजेंसीज के हाथ पहुंचने से पहले ही हो गयी.स्व. सुरेंद्र कुमार बंसल के कारनामो में केजरीवाल की गर्दन निश्चित रूप से फंसने वाली थी और वो इस पूरे भ्रष्टाचार के खेल में एक अहम् गवाह हो सकता था लेकिन उससे पहले ही संदिग्ध रूप से हार्ट अटैक में उसकी मृत्यु हो गयी.साल २०१५ में दिल्ली के जंतर मंतर पर केजरीवाल की एक रैली में राजस्थान के किसान गजेंद्र सिंह ने पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ली थी.उस मामले भी आम आदमी पार्टी के नेतावो पर किसान को सुनियोजित रूप से षड्यंत्र करके आत्महत्या करने के लिए उकसाने का आरोप लगा था और इस मामले में एक पुलिस FIR में भी दर्ज की गयी थी.अपने राजनीतिक फायदे के लिए केजरीवाल और उसके गुर्गो ने एक किसान की बलि ले ली थी.कपिल मिश्रा की रैली में आयी पूर्व आम आदमी पार्टी की कार्यकर्ता स्व. संतोष कोली की माँ ने भी केजरीवाल पर इस मामले में गंभीर आरोप लगाते हुवे कहा की केजरीवाल ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए उनकी बेटी की हत्या करवायी थी.उसका एक्सीडेंट एक षड्यंत्र था जो केजरीवाल और उसके गुर्गो ने अपने राजनीतिक फायदे के लिए रचा था.उस समय केजरीवाल ने कोली के एक्सीडेंट की सीबीआई जांच का वादा किया था लेकिन सत्ता में आते ही उस मामले को दबा दिया गया है.मार्च २०१५ में आम आदमी पार्टी के नेशनल काउंसिल की मीटिंग में केजरीवाल के खिलाफ आवाज उठाने वाले योगेंद्र यादव और प्रशांत भूषण पर भी उस समय केजरीवाल के कुछ विधायकों और बाहर से आये गुंडों ने हमला किया था और दोनों को आम आदमी पार्टी से भी निकाल दिया गया था.उस समय केजरीवाल का एक ऑडियो भी वायरल हुवा जिसमे वो इन लोगो के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग कर रहा था और ये साबित हुवा की इस घटना के पीछे केजरीवाल और उसके गुर्गो की साज़िश थी.एक के बाद एक दिल्ली सरकार के मंत्री जिस तरह की अनिमियतावों में पकड़े गए है उससे ये साबित होता है कि आम आदमी पार्टी आपराधिक और देशद्रोही व्यक्तियों का संगठन है.पंजाब चुनावों के दौरान केजरीवाल पर खालिस्तानी आतंकवादियों से पैसे लेने और उनके एक सदस्य के घर पर रात गुजारने का आरोप लगा.इसके अलावा केजरीवाल पर नक्सली नेतावो से सम्बन्ध रखने का भी आरोप है.देश के प्रधानमंत्री बहुत पहले ही इस पर अर्बन नक्सली होने का आरोप लगा चुके है.पाकिस्तान में  भारतीय सेना कृत सर्जिकल स्ट्राइक पर सेना से सबूत मांगने वाला पहला राजनेता यही था.इसके एक नेता पर कश्मीरी आतंकवादियों से संबंध होने भी आरोप लगे हैउपरोक्त सभी घटनाओ से साबित होता है की केजरीवाल और उसके गुर्गे किसी राजनीतिक विचारधारा के ना होकर एक माफिया गिरोह की तरह काम कर रहे है.आम आदमी पार्टी अब राजनीतिक पार्टी ना होकर एक संघठित आपराधिक गिरोह हो गयी है जिसमे जो माफिया के खिलाफ बोलेगा वो गुंडों से पिटवाया जाएगा या उसकी हत्या करा दी जाएगी.आम आदमी पार्टी और केजरीवाल का एक मात्र उद्देश्य पैसा बनाना है और अपनी असफलताओ से धयान हटाने को केंद्र सरकार पर नित्य नए आरोप लगाना है.अपने पंजाब और गोवा के चुनाव हारने पर केजरीवाल और उसके गुर्गे चुनाव आयोग पर भी इल्जाम लगाने से नहीं चुके जबकि अपने कर्मो को इन्होने नहीं देखा.EVM में गड़बड़ी साबित करने के लिए दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र भी इसने बुलाया जिसमे इसका एक गुर्गा अपनी बी.टेक. की डिग्री की धौंस देता हुवा अपनी EVM ला कर उसमे गड़बड़ी दिखा रहा था लेकिन जब चुनाव आयोग ने EVM में किसी गड़बड़ी को साबित करने को कहा तो केजरीवाल अपने गुर्गो सहित भाग निकला.

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